बुधवार, 21 जनवरी 2015

ब्लॉग पर हाशिये का समाज परिचर्चा में खुलकर बोले दक्षिण एशियाई ब्लॉगर्स

भूटान में परिकल्पना का चतुर्थ अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मलेन संपन्न 

 थिम्पू (भूटान) हिंदी ब्लॉगिंग का दायरा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी तेजी से फ़ैल  रहा है।  इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से ब्लॉगर और साहित्यकार एवं निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव, हैदराबाद की सम्पत देवी मुरारका और रायपुर छतीसगढ़ के ललित शर्मा को विगत 15 से 18 जनवरी 2015 तक भूटान की राजधानी थिम्पू और सांस्कृतिक राजधानी पारो में आयोजित चतुर्थ ‘‘अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘‘ के दौरान  सर्वोच्च परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें 25,000 की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। साथ ही महाराष्ट्र के औरंगाबाद की अनुवादक सुनीता प्रेम यादव को परिकल्पना सार्क सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के अंतर्गत उन्हें पाँच  हजार की धनराशि, स्मृति चिन्ह, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। 

उत्तर प्रदेश के जनपदों मसलन सुल्तानपुर के डॉ राम बहादुर मिश्र को परिकल्पना साहित्य भूषण सम्मान, बाराबंकी के  एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन व डॉ विनय दास को क्रमशः परिकल्पना सोशल मीडिया सम्मान और परिकल्पना कथा सम्मान, लखनऊ की कुसुम वर्मा को परिकल्पना लोक-संस्कृति सम्मान, बहराइच के डॉ अशोक गुलशन को परिकल्पना हिन्दी गौरव सम्मान, रायबरेली से सूर्य प्रसाद शर्मा को परिकल्पना साहित्य सम्मान तथा हैदरगढ के ओम प्रकाश जयंत व विष्णु कुमार शर्मा को क्रमशः को परिकल्पना साहित्य श्री सम्मान व परिकल्पना सृजन श्री सम्मान तथा उन्नाव के विश्वंभरनाथ अवस्थी को परिकल्पना नागरिक सम्मान प्रदान किए गए। इसके अलावा इंदौर के प्रकाश हिन्दुस्तानी, रायपुर के गिरीश पंकज, अल्पना देशपांडे, अदिति देशपांडे, दिल्ली की सर्जना शर्मा और निशा सिंह, मुंबई से आलोक भारद्वाज, सिल्चर की डॉ शुभदा पाण्डेय आदि के साथ-साथ  देश-विदेश के लगभग तीस ब्लॉगर्स को विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए परिकल्पना सम्मान से नवाजा गया। 
उपरोक्त सभी सम्मान भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग के कर कमलों से दिये गए। इस अवसर पर भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उप महासचिव श्री चन्द्र क्षेत्री, सार्क समिति के महिला विंग तथा इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ भूटान की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम, असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय, इलाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव और हिन्दी के वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री गिरीश पंकज विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उक्त जानकारी ’परिकल्पना समय’ के प्रधान संपादक तथा ’अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन’ के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 

सम्मेलन के दौरान वैश्विक परिप्रेक्ष्य विशेषकर सार्क देशों में हिन्दी के पठन-पाठ्न, हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार, न्यू मीडिया के रूप में ब्लॉगिंग के विभिन्न आयामों एवं बदलते दौर में सोशल मीडिया की भूमिका इत्यादि विषयों पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूटान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव श्री फूब शृंग ने कहा कि भूमण्डलीकरण के इस दौर में विभिन्न देशों के साहित्य, संस्कृति एवं परिवेश को ब्लागिंग और सोशल मीडिया के माध्यम से न सिर्फ महसूस किया जा सकता है बल्कि उसे विस्तार भी दिया जा सकता है। उन्होंने  भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति की हालिया भूटान यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय  ब्लागर सम्मेलन को भी उसी कड़ी  में देखने की जरूरत है। सार्क समिति के महिला विंग  की अध्यक्ष श्रीमती थिनले ल्हाम ने कहा कि नारी सशक्तीकरण पर आज विश्व भर में चर्चा हो रही है और ऐसे में सार्क देशों में ब्लागिंग से जुडी तमाम महिलाओं को देखना एक सुखद एहसास देता है। 

इलाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ और ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि ब्लॉगिंग  न सिर्फ देशों और भाषाओं के बीच दूरियाॅं कम करती है बल्कि यह विभिन्न प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के विचारों को एकाकार रूप में देखने की सहूलियत भी देती है । ब्लागिंग व सोशल मीडिया के समाजिक सरोकारों पर चर्चा करते हुए इसे उन्होंने  दूर दराज के इलाकों तक भी जोडने की बात कही। असम विश्वविद्यालय सिल्चर के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर नित्यानन्द पाण्डेय  ने कहा कि हिन्दी को समृद्ध करने में ब्लागिंग का महत्वपूर्ण योगदान है और इसके माध्यम से दुनिया भर के लोग हिन्दी से जुड रहे हैं। वरिष्ठ व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने अपने उद्बोधन में हिंदी ब्लॉगिंग के विभिन्न पहलुओं की चर्चा करते हुए इसे पुस्तकाकार रूप में भी लिपिबद्ध करने की बात कही। 
सम्मेलन के संयोजक श्री रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि भूटान में अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मलेन आयोजित करने के पीछे उद्देश्य हिंदी संस्कृति को भूटानी संस्कृति के करीब लाना और हिंदी भाषा को यहाँ के वैश्विक वातावरण में प्रतिष्ठापित करना है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन का मूल उद्देश्य दक्षिण एशिया में ब्लॉग के विकास हेतु पृष्ठभूमि तैयार करना, हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना है। 

इस अवसर पर पांच पुस्तकों क्रमशः संपत देवी मुरारका की यात्रा वृत्त तृतीय भाग, कुसुम वर्मा की ह्रदय कँवल, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर की संघर्षों का खेल, विष्णु कुमार शर्मा की दोहावली, अशोक गुलशन की क्या कहूँ किससे कहूँ और परिकल्पना समय पत्रिका के जनवरी अंक के विमोचन के साथ-साथ परिकल्पना कोश  वेबसाईट का लोकार्पण हुआ, वहीं रायपुर छत्तीसगढ़ की अल्पना देशपांडे और अदिति देशपांडे की कलाकृतियों की प्रदर्शनी का लोकार्पण संपन्न हुआ।  इस अवसर पर कुसुम वर्मा के अवधी लोकगीतों की खुशबू में नहाई भूटान की एक शाम। डॉ राम बहादुर मिश्र के कुशल संचालन में सुर सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी प्रवाहित करती काव्य संध्या और ब्लॉग पर हाशिए का समाज परिचर्चा में शामिल हुए भारत और भूटान के एक दर्जन से ज्यादा ब्लोगर्स। कार्यक्रम का  संचालन महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने किया।
(भूटान से मनोज कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट)

बुधवार, 17 जुलाई 2013

राजनीति के अद्भुत किरदार को केंद्र में रखकर लिखी गयी पुस्तक


हिंद युग्म ने रवीन्द्र प्रभात जी की व्यंग्य-पुस्तक 'धरती पकड़ निर्दलीय' की प्रीबुकिंग शुरू किया है। प्रकाशक शैलेश भारतवासी के अनुसार इस किताब में गाँव की एक चौपाल को केंद्र में रखते हुए देश की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक स्थितियों पर करारा व्यंग्य किया गया है। किताब में सम्मिलित व्यंग्य आलेखों को इस तरह से पिरोया गया है कि वे व्यंग्य-उपन्यास पढ़ने का एहसास कराते हैं।

कल ईबे पर पुस्तक के बारे में पढ़ रहा था, लिखा गया है कि इसको पढ़ने के बाद राग दरबारी की याद ताज़ा हो जाएगी । धरतीपकड़ नि: संदेह भारतीय राजनीति का अद्भुत किरदार रहा है, निश्चित रूप से यह पुस्तक भी अद्भुत होगी ।  

मैंने तो इस पुस्तक की 10 प्रतियों की प्री बूकिंग कर दिया है । आप भी एक बार घूम आइए ऑनलाइन स्टोरों पर, क्योंकि किताब सभी प्रमुख ऑनलाइन स्टोरों पर प्रीबुकिंग के लिए उपलब्ध है।

ईबे पर मात्र रु 76 में (बिना किसी शिपिंग के खर्च के) उपलब्ध हैः

इंफीबीम पर भी यह किताब मात्र रु 76 में कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा के साथ उपलब्ध हैः

बुकअड्डा प्रेमियों के लिए यह किताब मात्र रु 90 में उपलब्ध हैः 

शुक्रवार, 12 अप्रैल 2013

ब्लॉग पुरस्कार के अंतर्गत शीर्ष 10 ब्लॉग का नामांकन स्तरीय नहीं : रवीन्द्र प्रभात

डचे वेले के बोब्स ब्लॉग पुरस्कार के टॉप टेन मे नामित हिन्दी ब्लॉग के चयन पर रबिश कुमार के सिविक सेंस पर उंगली उठाई है रवीन्द्र प्रभात ने और कहा है कि यह चयन स्तरीय नहीं है । उन्होने केवल चार ब्लॉग को ही बेहतर नामित ब्लॉग माना है, बाकी छ: ब्लॉग को बकबास । यह बात उन्होने साउथ एशिया टुडे पर एक्सपर्ट कॉमेंट के अंतर्गत नाज़िया रिजवी के अङ्ग्रेज़ी में पूछे गए सवालों के जबाब में कही है । हिन्दी के पाठकों के लिए उस साक्षात्कार के मुख्य अंश का मेरे द्वारा किए गए हिन्दी में भावानुवाद आप भी पढ़िये : मनोज कुमार पाण्डेय 



साक्षात्कार के मुख्य अंश का भावानुवाद : 

आजकल विभिन्न भाषाओं के श्रेष्ठ ब्लॉग को बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिये जाने की चर्चा गर्म है । 14 भाषाओं में ऑनलाइन सक्रियता की अलग-अलग विधाओं को बढ़ावा देने के लिए जर्मनी का अंतरराष्ट्रीय ब्रॉ़डकॉस्टर "डॉयचे वेले" बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स के तहत बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार देने जा रहा है। इसबार साउथ एशिया की प्रमुख भाषा हिन्दी को भी स्थान दिया गया है । हिन्दी ब्लॉग्स के अंतिम 10 के महत्वपूर्ण चयन को लेकर ज्यूरी के सदस्य टी वी एंकर रबीश कुमार की भी बड़ी आलोचना हो रही है । ऐसे में जब नाज़िया रिजवी ने हिन्दी ब्लॉगिंग के पहले इतिहासकर और न्यू मीडिया विशेषज्ञ रवीन्द्र प्रभात जी से इस विषय पर बात की तो उनका प्रतियुत्तर काफी चौंकाने वाला था । प्रस्तुत है साउथ एशिया टुडे के लिए रवीन्द्र प्रभात से एक खास मुलाक़ात :

 नाज़िया : आप हिन्दी के एकमात्र ऐसे लेखक हैं, जिन्होने हिन्दी ब्लॉगिंग की पहली मूल्यांकनपरक पुस्तक का सम्पादन किया । आपके द्वारा लिखा गया "हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास" पुस्तक का कई भाषाओं में अनुवाद हो रहा है। इसलिए मैं आपसे जानना चाहूंगी कि बॉब्स अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के अंतर्गत क्या सचमुच हिन्दी के सही ब्लॉग का चयन किया गया है ? 

 प्रभात : नहीं, कदापि नहीं । क्योंकि हिन्दी ब्लॉग के चयन हेतु जिन्हें पुरस्कार के तहत ज्यूरी का सदस्य बनाया गया है, उनमें सिविक सेंस का काफी अभाव है । कुएं के मेढक की तरह उन्हें नियुज रूम में होने वाली चर्चाएं ही सही और सार्थक लगती है । चयन में रबीश का भेदभावपूर्ण कृत्य साफ दिख रहा है ।

 नाज़िया : किस-किस ब्लॉग के चयन पर आपको आपत्ति है ? 

प्रभात : किसी ब्लॉग का नाम लेकर उसकी आलोचना करना उचित नहीं होगा। हाँ मेरी समझ से कुछ अच्छे ब्लॉग को इसमें शामिल अवश्य किया जाना चाहिए था । मसलन प्रभात रंजन का जानकी पूल, डॉ अरविंद मिश्रा का साई ब्लॉग, ललित कुमार का दशमलव, अविनाश वाचस्पति का नुक्कड़, रवि रतलामी का छींटे और बौछारें, रणधीर सिंह सुमन का लोकसंघर्ष, दिनेश राय द्विवेदी का तीसरा खंभा, रेखा श्रीवास्तव का मेरा सरोकार आदि । 

नाज़िया: तो इसका मतलब यह है कि नामित किया गया कोई ब्लॉग आपकी नज़रों में स्तरीय नहीं है ? प्रभात : नहीं, मैंने ऐसा तो नहीं कहा । मेरी नज़रों में एक-दो ब्लॉग अवश्य है जिसके चयन पर आपत्ति नहीं की जा सकती । नाज़िया : मसलन ?

 प्रभात : मसलन तस्लीम । क्योंकि इस ब्लॉग का चयन निराश नहीं करता । यह वाकई नामित होने योग्य ब्लॉग है और मेरी शुभकामनायें है इस ब्लॉग के साथ। 

 नाज़िया : तस्लीम ही क्यों, कोई और क्यों नहीं ? 

प्रभात : मेरा आशय यह नहीं है कि केवल तस्लीम ही बेहतर ब्लॉग है । कुछ और भी ब्लॉग है इस चयन में जिसे मैं तस्लीम के बाद वोट करने लायक मानता हूँ । जैसे - सर्प संसार, चोखेर वाली, मोहल्ला लाइव आदि । 

नाज़िया : इस समय जो वोट की स्थिति है, उसके आधार पर तस्लीम और नारी ब्लॉग अग्रणी है । ऐसे में आपकी प्राथमिकता क्या है ? 

प्रभात : देखिये तस्लीम एक विज्ञान ब्लॉग है, जो अंधविश्वास के खिलाफ अपनी मुहिम को तर्कसंगत तरीके से रखता है । इसलिए मैं उसे पसंद करता हूँ । जहां तक नारी ब्लॉग का प्रश्न है तो मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहूँगा कि उसमें ब्लॉगिंग सेंस है ही नहीं । वहाँ नकारात्मक बातों को ज्यादा महत्व दिया जाता है । उसे पढ़ने के लिए पर्मिशन लेनी पड़ती है । यानि कि सार्वजनिक ब्लॉग की श्रेणी में है ही नहीं नारी ब्लॉग । फिर सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग की श्रेणी में नामित करने का क्या मतलब था ? 

 नाज़िया : एक अहम सवाल आपसे, कि इऩ पुरस्कारों के लिए ब्लॉग्स प्रस्तावित करने की डेढ़ महीने से ज़्यादा चली प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है। अब इनमें जूरी ने चुनींदा ब्लॉग्स को नामांकित भी कर दिया है । 3 अप्रैल से लेकर आने वाले पांच हफ्तों तक आप अपने पसंदीदा ब्लॉग के लिए वोट कर सकते हैं और उसे विजेता बना सकते हैं। यह प्रक्रिया आपको कितनी विश्वसनीय लगती है ?

प्रभात : इस संदर्भ मे अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, परिणाम आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है । 

 नाज़िया : जी बहुत-बहुत शुक्रिया आपका इस विषय पर अपनी बेवाक राय के लिए । 

प्रभात : आपका भी धन्यवाद । 


(कुछ महत्वपूर्ण और संशोधित अंश का भावानुवाद मेरे द्वारा : मनोज कुमार पाण्डेय )

शनिवार, 9 मार्च 2013

ब्लॉगिंग ने बनाया विश्वविख्यात

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छोटे-छोटे कार्यों को ढिंढोरा पीटकर करते हैं और कुछ लोग बड़े से बड़ा कार्य चुपके से कर जाते हैं और जबतक उस कार्य के प्रतिफल का भान होता है तबतक उसे विश्वव्यापी  मान्यता मिल चुकी होती है । ऐसा ही कुछ हुआ है हिन्दी ब्लॉगिंग में भी । 

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में संघणकीय दृष्टि से एक अपरिपक्व साहित्यकार ने ब्‍लॉगिंग में एक नया प्रयोग प्रारम्‍भ किया और ‘ब्‍लॉग विश्‍लेषण’ के द्वारा ब्‍लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित कराने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्‍मक रूप में प्रारम्‍भ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्‍मक हो चली और 11 खण्‍डों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्‍होंने इस विश्‍लेषण को और ज्‍यादा व्‍यापक रूप प्रदान किया और विभिन्‍न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्‍डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख ब्‍लागों का लेखा-जोखा प्रस्‍तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 और 2011 में भी यह अनुष्‍ठान उन्‍होंने पूरी निष्‍ठा के साथ सम्‍पन्‍न किया और 21 कडियों में ब्‍लॉग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्‍तुत करके एक तरह से ब्‍लॉग इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉगिंग में बेहद करीबी रहे मित्रों की सलाह पर इन्होने इस विषय पर  पुस्तक प्रकाशन की योजना बनाई । पुस्तक का नाम दिया हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास । 

आप समझ गए होंगे कि मैं किसकी बात कर रहा हूँ । जी हाँ, रवीन्द्र प्रभात जी की । 

File:Ravindra scatch.jpgआपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक "हिन्दी ब्लॉगिंग का इतिहास" भारत की भोगोलिक सीमाओं को लांघकर सुदूर देशों में अपनी उपस्थिती दर्ज करा चुकी है । दक्षिण एशियाई देशों में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की फेहरिस्त में तो यह है  ही.... लंदन, जर्मनी, अमेरिका, रूस, यूक्रेन आदि देशों  के हिन्दी पाठकों तक भी यह अपनी पहुँच बना चुकी है । सबसे सुखद बात तो यह है कि इस पुस्तक के आधा दर्जन से ज्यादा विदेशी भाषाओं में अनुवाद किए जा रहे हैं, वह भी विदेशी लेखकों के द्वारा । यहाँ तक कि अविनाश वाचस्पति जी के साथ संयुक्त संपादन में प्रकाशित उनकी दूसरी पुस्तक "हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रान्ति" भी विदेशी पुस्तकालयों की केवल शोभा ही नहीं बढ़ा रही है, अपितु सराही भी जा रही है ।  

कहा गया है कि व्यक्ति बड़ा नहीं होता, उसके कार्य बड़े होते हैं । रवीन्द्र प्रभात के इस कार्य की विश्वव्यापी प्रामाणिकता के आधार पर विश्व के लगभग एक दर्जन भाषाओं की विकिपेडिया पर उन्हें स्थान दिया गया है । 
है न बिचित्र किन्तु सत्य ?

कुछ महत्वपूर्ण लिंक :

रवीन्द्र प्रभात की पुस्तक के लोकार्पण की चर्चा साउथ एशिया टुडे में 

रवीन्द्र प्रभात की वर्ल्ड कैट रैंकिंग 

लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में रवीन्द्र प्रभात का नेम ओथोरिटी फाइल 

हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहास लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में

हिन्दी ब्लोगिंग : अभिव्यक्ति की नई क्रांति लाइब्रेरी ऑफ कॉंग्रेस में

रवीन्द्र प्रभात का वर्चुअल इन्टरनेशनल ओथोरिटी



यदि आपने अभी तक रवीन्द्र प्रभात जी की उपरोक्त पुस्तकों को नहीं पढ़ा तो देर न करें, शीघ्र प्रकाशक से संपर्क करके एक प्रति अवश्य अपने पास रखें । साथ ही जिन ब्लॉगरों का जिक्र उन पुस्तकों में न हो पाया हो वे अपना विवरण रवीन्द्र प्रभात जी को अवश्य उपलब्ध करा दें, ताकि पुस्तक के द्वितीय संस्करण और अन्य भाषाओं में अनुवादित संस्करण में आप भी शामिल हो सकें । 

प्रकाशक का मेल आई डी : 

रवीन्द्र प्रभात जी का मेल आई डी : 

अविनाश वाचस्पति जी का मेल आई डी : 

nukkadh@gmail.com

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

वर्ष-2012 के चर्चित व्यक्तित्व

कल मैंने राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित कुछ साहित्यिक शख्शियतों के सम्मान की जानकारी दी, तो मुझे कुछ अधूरा-अधूरा सा लगा, फिर मैंने अन्य जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए विकिपेडिया की ओर रूख किया तो वहाँ मुझे अन्य क्षेत्रों की भी वृहद जानकारी मिली, जिसे आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ : 

नामवर सिंह

पंडित रविशंकर

चंद्रकांत देवताले

गोपाल दास नीरज

दिलीप कुमार

उदय प्रकाश

कुलदीप नैयर

पूर्णिमा वर्मन

रवीन्द्र प्रभात

हेमा मालिनी

गुलज़ार

अमिताभ बच्चन

शाहरुख खान

सचिन तेंदुलकर

श्याम बेनेगल

पी. चिदंबरम

रतन टाटा


प्रमुख साहित्यिक वो पत्रकारिता से जुड़े सम्मान

  • साहित्य अकादमी मूल पुरस्कार : चंद्रकांत देवताले,
  • श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ्को साहित्य सम्मान : शेखर जोशी,
  • आनंद सागर स्मृति सम्मान : तेजिन्दर,
  • जगदीश चंद्र स्मृति पुरस्कार : एस. आर. हरनोट,
  • लमही सम्मान : शिवमूर्ति,
  • गोयनका हिन्दी साहित्य सारस्वत सम्मान : गोपाल दास नीरज,
  • महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य पुरस्कार : डॉ.नामवर सिंह,
  • स्नेहलता गोयनका व्यंग्य भूषण पुरस्कार : गोपाल चतुर्वेदी,
  • रत्नी देवी गोयनका वाग्देवी पुरस्कार : नताशा अरोड़ा,
  • कु सुमांजलि साहित्य सम्मान : उषा किरण खान,
  • डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान : डॉ. दुर्गा प्रसाद गुप्त,
  • राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त शिरोमणि पुरस्कार : नंद किशोर नवल,
  • यशोधरा पुरस्कार : पूजा खिल्लन देवी,
  • शंकर अवस्थी सम्मान : जितेंद्र श्रीवास्तव,
  • इंदु शर्मा कथा सम्मान : प्रदीप सौरभ,
  • सीता पुरस्कार : ममता कालिया,
  • वाग्मणि सम्मान : डॉ. कमल कुमार,
  • प्रेमचंद स्मृति कथा सम्मान : सत्यनारायण पटेल,
  • पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान : हे तु भारद्वाज,
  • डॉ. पूरन सिंह स्मृति सम्मान : विमलेश त्रिपाठी,
  • विजय शर्मा कथा सम्मान : नीला प्रसाद,
  • हेमंत स्मृति कविता सम्मान : रविकांत,
  • भवभूति अलंकरण : स्वयंप्रकाश,
  • श्रीमती शांति वाजपेयी सृजनात्मक गद्य सम्मान : डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी,
  • शमशेर आलोचना सम्मान: विश्वनाथ त्रिपाठी,
  • छत्रपति सम्मान : कुलदीप नैयर,
  • कविता समय सम्मान : इब्बार रवि,
  • वातायन कविता सम्मान : निदा फाजली/शोभित देसाई कविता समय युवा सम्मान : प्रभात कवि,
  • मथुरा प्रसाद गुंजन सम्मान : अरविन्द श्रीवास्तव,
  • समन्वय भाषाई सम्मान : कंवल भारती,
  • अखिल भारतीय मुंशी प्रेमचंद सम्मान: उदय प्रकाश,
  • दलित साहित्य अकादमी पुरस्कार: एस.आर. कमल,
  • रेणु साहित्य सम्मान: विभूति नारायण राय,
  • दिनकर साहित्य रत्न सम्मान: फजल इमाम मल्लिक,
  • आचार्य निरंजन नाथ सम्मान: असगर वजाहत,
  • शमशेर कविता सम्मान: बद्री नारायण,
  • ज्ञानपीठ पुरस्कार: प्रतिभा राय,
  • बाबा नागार्जुन जन्मशती कथा सम्मान : रवीन्द्र प्रभात,
  • हिन्दी साहित्यश्री सम्मान : रवीन्द्र प्रभात,[1]
  • शमशेर जन्मशती काव्य सम्मान : रश्मि प्रभा,
  • जानकी बल्लभ शास्त्री साहित्य सम्मान : शिखा वार्ष्नेय,
  • केदारनाथ जन्मशती साहित्य सम्मान :अरविन्द श्रीवास्तव,
  • फैज अहमद फैज जन्मशती सम्मान : ज़ाक़िर अली रजनीश,
  • गोपाल सिंह नेपाली जन्मशती काव्य सम्मान : शहंशाह आलम,
  • अज्ञेय जन्मशती पत्रकारिता सम्मान : डा. सुभाष राय,
  • श्रीलाल शुक्ल व्यंग्य सम्मान : गिरीश पंकज। [3]
  • पद्मभूषण डॉ मोटुरी सत्यनारायन पुरस्कार: पूर्णिमा वर्मन
  • मुक्तिबोध साहित्य सम्मान : सुशीला पूरी [4]
  • राजस्थानी साहित्य सम्मान : स्व. दयालचन्द्र सोनी (मरणोपरांत)
  • ठा. पूरन सिंह स्मृति ‘सूत्र सम्मान’ : रेखा[5]
  • ‘रमाकान्‍त स्‍मृति’ सम्‍मान : ओमा शर्मा[6]
  • हिन्दी सेवी सम्मान : स्वाति तिवारी[7]
  • क्योटो पुरस्कार : गायत्री चक्रवर्ती [8]

उर्दू साहित्य से जुड़े सम्मान

  • पाकिस्तान के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान सितारा-ए-इम्तियाज़ : गोपीचंद नारंग[9]

समाज सेवा से जुड़े सम्मान

  • रेमन मैग्सेसे पुरस्कार : कुलांदेई फ्रांकिस

विज्ञान से जुड़े सम्मान

  • ब्रिटेन का प्रतिष्ठित रॉयल सम्मान : बैंगलौर के जीव-वैज्ञानिक कृष्णास्वामी, विजय राघवन और लंदन के इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर तेजिंदर सिंह विर्दी को संयुक्त रूप से [10]
  • प्रेसिडेंशियल अर्ली करियर अवॉर्ड फॉर साइंटिस्ट्स एंड इंजीनियर्स : पवन सिन्हा (आईआईटी,दिल्ली), श्रीदेवी वेदुला शर्मा, पराग पाठक और बीजू पारेक्कदन [11]
  • फंडामेंटल फिज़िक्स प्राइज़ : अशोक सेन [12]
  • लोकहित कृषक सम्मान : किसान दीपक उपाध्याय[13]
  • बोरलॉग पुरस्कार : कृषि वैज्ञानिक केवी प्रभु और अशोक कुमार सिंह[14]

विज्ञापन से जुड़े सम्मान

  • अमरीका का विज्ञापन की दुनिया का प्रतिष्ठित क्लियो अवार्ड: पीयूष पांडे[15]

फिल्म से जुड़े सम्मान

  • ब्रैंड लौरिएट लीजेंडरी पुरस्कार : शाहरुख खान
  • भारत मुनि सम्मान : हेमा मालिनी
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार : गुलज़ार (गीतकार)
  • कर्मवीर पुरस्कार : स्वरूप संपत और हंसल मेहता
  • एडिनबर्ग नेपियर यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट ऑफ आर्ट्स की मानद उपाधि : शर्मिला टैगोर
  • राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान : सलीम ख़ान(पटकथा लेखक)
  • मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेजेज (मामी) के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड : वहीदा रहमान
  • स्मिता पाटिल स्मृति पुरस्कार: दीपिका पादुकोण
  • एक्सीलेंस इन सिनेमा अवॉर्ड : श्याम बेनेगल
  • फाल्के रत्न पुरस्कार: अमिताभ बच्चन
  • सरस्वतीबाई फाल्के पुरस्कार: दिलीप कुमार और सायरा बानो
  • दादा साहब फाल्के पुरस्कार : सौमित्र चटर्जी
  • 59वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार : विद्या बालन

[]उद्योग जगत से जुड़े सम्मान

  • विशेष सिख पुरस्कार : लक्ष्मी मित्तल
  • हूवर मेडल पुरस्कार: एनआर नारायण मूर्ति
  • प्राइड ऑफ इंडिया पुरस्कार : त्रिलोचन सिंह साहनी
  • बिजनेसमैन ऑफ इ इयर पुरस्कार :फारुक डांगर (भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी नागरिक)
  • द ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द राइजिंग सन सम्मान : रतन नवल टाटा

[]अन्य प्रमुख सम्मान

  • बांग्लादेश के वॉर हीरो पुरस्कार : जगजीवन राम (मृतयोपरांत)
  • बांग्लादेश का मुक्तियुद्ध मैत्री सम्मान : अशोक तारा (सेवानिवृत्त भारतीय कर्नल)
  • राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार : डीआर मेहता
  • ओंडाट्जे पुरस्कार 2012 : राहुल भट्टाचार्य को उनकी पुस्तक द स्लाइ कंपनी ऑफ पीपुल हू केयर के लिए
  • टैगोर पुरस्कार : पंडित रविशंकरविश्व बंधुत्व के संवर्धन हेतु
  • वी शांताराम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड : माईक पांडेय (वन्य जीवन संरक्षक हेतु)

[]संगीत से जुड़े सम्मान

  • लाइफटाइम अचीवमेंट ग्रैमी पुरस्कार :रवि शंकर
  • अमेरिका के मियामी विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि : अल्लाह रक्खा रहमान

[]राजनीति से जुड़े सम्मान

  • करुणाकरण फाउन्डेशन पुरस्कार : पी चिदंबरम
  • एशियन गिल्ड का विशेष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार: चरणजीत अटवाल (पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष)
  • इंटरनेशनल ज्यूरिस्ट्स पुरस्कार : मुलायम सिंह यादव(समाजवादी पार्टी के प्रमुख)
  • खड़गे प्राइड ऑफ इंडिया पुरस्कार: मल्लिकार्जुन (केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री)

[]राजभाषा सम्मान

  • राजभाषा रत्न सम्मान : अजीत पाठक (इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के उप महा प्रबंधक)

[]खेल से जुड़े सम्मान

  • आर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया सम्मान : सचिन तेंदुलकर
  • विजडन इंडिया असाधारण उपलब्धि पुरस्कार : सचिन तेंदुलकर

[]ब्लॉग से जुड़े सम्मान

  • प्रगतिशील ब्लॉग लेखक संघ चिट्ठाकारिता शिखर सम्मान : रवीन्द्र प्रभात/अविनाश वाचस्‍पति,[2]

परिकल्पना ब्लॉगर दशक सम्मान 

[]पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री

  • पद्म विभूषण
दिवंगत संगीतकार एवं गायक भूपेन हज़ारिका, दिवंगत कार्टूनिस्ट एवं चित्रकार मारियो मिरांडा, पूर्व नौकरशाह और राज्यपाल टीवी राजेश्वर, डॉ. कांतिलाल हस्तीमल संचेती और चित्रकार केजी सुब्रमण्यम
  • पद्म भूषण
फ़िल्म अभिनेता धर्मेंद्र, अभिनेत्री शबाना आज़मी, फ़िल्म निर्देशक मीरा नायर, चित्रकार जतिन दास, शिल्पकार अनीश कपूर, कार्णिक संगीतकार टीवी गोपालकृष्णन, पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त एन विट्ठल, अमरीका के पूर्व राजदूत रोनेन सेन, उद्योगपति बी मुथुरामन, सुब्बिया वेलायन, प्रख्यात हृदयरोग विशेषज्ञ देवी प्रसाद शेट्टी, कैंसर विशेषज्ञ सुरेश एच आडवाणी और एमएस गोपालकृष्ण सहित 27 लोगों को।
  • पद्मश्री
फ़िल्म संगीतकार वनराज भाटिया, नाटककार मोतीलाल खेमू, भजन गायक अनूप जलोटा, फ़िल्म निर्देशक प्रियदर्शन, उद्योगपति प्रिया पॉल और स्वाति पीरामल, मराठी नाटककार सतीश अलेकरसहित 77 लोग शामिल हैं. प्रमुख खिलाड़ियों जिन्हें पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया गया उनमें महिला क्रिकेट खिलाड़ी झूलन गोस्वामी, पूर्व हॉकी खिलाड़ी जफ़र इक़बाल, धनुर्धर लिंबा राम और पूर्व क्रिकेट कमेंटेटर रवि चतुर्वेदी शामिल हैं.

सन्दर्भ

  1.  राष्ट्रीय सहारा (उमंग),राष्ट्रीय संस्करण,नई दिल्ली, 30.12.2012 (रविवार) पृष्ठ संख्या : 3
  2.  लीगेसी इंडिया, मासिक के अक्‍टूबर 2012 अंक के ब्‍लॉगरी स्‍तंभ में प्रकाशित समाचार
  3.  प्रब्लेस का सम्मान
  4.  हिन्दी पत्रिका रेवान्त की ओर से सुशला पूरी को मुक्तिबोध साहित्य सम्मान
  5.  युवा कवियि‍त्री रेखा चमोली को 2012 का ‘सूत्र सम्मान’
  6.  दुश्मन मेमना : ओमा शर्मा
  7.  स्वाति तिवारी को हिन्दी सेवी सम्मान
  8.  भारतीय साहित्य आलोचक गायत्री चक्रवर्ती स्पिवाक वर्ष 2012 के क्योटो पुरस्कार से सम्मानित
  9.  गोपीचंद नारंग को पाकिस्तान का सम्मान
  10.  / भारतीय वैज्ञानिकों को रॉयल सम्मान
  11.  देश की चार प्रतिभाओं को अमेरिकी सम्मान
  12.  वैज्ञानिक को नोबेल से तिगुनी राशि का इनाम
  13.  ”विज्ञान संवाहको, लेखकों और पत्रकारों का सशक्तिकरण”
  14.  वर्ष 2012 के बोरलॉग पुरस्कार हेतु कृषि वैज्ञानिक केवी प्रभु और अशोक कुमार सिंह चयनित
  15.  भारत के पीयूष पांडे क्लियो अवार्ड से सम्मानित
  16.  परिकल्पना ब्लॉग दशक सम्मान-2012 की सूची
  • (हिन्दी विकिपेडिया से साभार)