सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

बेलनटाईट डे

आज सुबह-सुबह जब मेरी तंद्रा भंग हुई

joke
देखकर दृश्य हालाते तंग हुई
पत्नी ने कहा-
बेटे को जल्दी स्कूल छोड़ आओ
लौटते हुए मण्डी से सब्जियां भी  लेते आओ
और हाँ यह बताओ बिटिया की फीस अभी तक क्यों नहीं भरी ?
ऐसा कहते हुए बिकराल रूप धारण कर चुकी थी मेरी फुलझड़ी
मैंने कहा-
भाग्यवान आज तो कम से कम मुस्कुरा कर बोलो
बोलने से पहले जुवान को तोल लो फिर बोलो  
उसने कहा क्यों आज कोई सैलरी डे है ?
मैंने कहा नहीं भाग्यवान आज वैलेंटाइन डे है !

श्रीमति जी भांप चुकी थीं मेरा आचरण
हटाती हुई मेरे बिस्तर का आवरण
कहा-
बनते हो मुरली मनोहर मदन मुरारी
और कहते हो कि मैं हूँ एक पत्नी व्रतधारी।
आज तुझे घर से बाहर नहीं जाने दूँगी
वैलेंटाइन डे का त्यौहार घर पर ही मनाऊंगी ।।
मैंने मन ही मन सोचा कि बेटा यह बताकर आज तुम फंस गए
वैलेंटाइन डे के चक्कर में बेलन टाईट डे की फांस में फंस गए
आब तो-
सुबह के भूले जब शाम को घर आओगे
तो वैलेंटाइन डे नहीं बेलन टाईट डे पाओगे। 
तो मित्रों !
मैं चला बेलन टाईट डे मनाने
आप क्या मनाओगे ?
इस मंहगाई के मायाजाल में
अपनी रूठी हुई पत्नी को कैसे मनाओगे ?
कोई इल्म हो तो अवश्य बताना
वैलेंटाइन डे को बेलन टाईट डे  बनने से बचाना !

जो कुवांरे हैं उन्हें-
वैलेंटाइन डे की प्यार भरी शुभकामनाएं
और जो विवाहित हैं उन्हें
ऊपर वाला मुसीबत से बचाए !!
() मनोज पाण्डेय